Ad

Rashtriya Gokul Mission

पशु प्रजनन की आधुनिक तकनीक (Modern Animal Breeding Technology in Hindi)

पशु प्रजनन की आधुनिक तकनीक (Modern Animal Breeding Technology in Hindi)

2019 में जारी की गई बीसवीं पशु जनगणना रिपोर्ट के अनुसार भारत में इस समय 535 मिलियन (53 करोड़) पशुधन है, जिनमें सर्वाधिक संख्या मवेशियों की है, जोकि 2012 की तुलना में 4.6 प्रतिशत अधिक बढ़ी है। आज भी भारत के अधिकतम किसान खेती के साथ पशुधन पालन भी करते है। इतनी अधिक संख्या में उपलब्ध पशुधन से बेहतर उत्पाद प्राप्त करने के लिए, पिछले कुछ समय से पशु वैज्ञानिकों के द्वारा कई अनुसंधान कार्य किए जा रहे है, इन्हीं नए रिसर्च में पशु प्रजनन (pashu prajanan or animal breeding) पर भी काफ़ी ध्यान दिया गया है।

क्या है पशु प्रजनन (Animal Breeding) ?

इसे एक उदाहरण से आसानी से समझा जा सकता है, जैसे कि यदि एक भैंस एक दिन में 10 लीटर दूध देती है, अब यदि पशु विज्ञान (animal science) की मदद से उसकी अनुवांशिकता (Hereditary) में कुछ ऐसे परिवर्तन किए जाए, जिससे कि उस पशु से हमारी आवश्यकता अनुसार उन्नत उत्पाद तैयार करवाने के साथ ही दूध का उत्पादन भी बढ़ जाए। इस विधि अलग-अलग जीन वाले पशुओं के अनुमानित प्रजनन मूल्य को ध्यान में रखते हुए आपस में ही एक ही नस्ल के पशुओं या फिर अलग-अलग नस्लों के पशुओं में प्रजनन प्रक्रिया करवाई जाती है, इससे प्राप्त होने वाला उत्पाद पहली दोनों नस्लों की तुलना में श्रेष्ठ मिलता है। यह नई नस्ल अधिक उत्पादन प्रदान करने के अलावा कई बीमारियों और दूसरी प्रतिरोधक क्षमताओं में भी श्रेष्ठ प्राप्त होती है।
ये भी पढ़ें : मत्स्य पालन की पूरी जानकारी (Fish Farming information in Hindi)

पशु प्रजनन की आधुनिक तकनीक :

वर्तमान में विश्व स्तर पर कई प्रकार की प्रजनन विधियों को अपनाया गया है :
  • विशुद्ध प्रजनित तकनीक (Purebred Breeding) :

इस विधि में एक ही नस्ल के दो अलग-अलग पशुओं का प्रजनन करवाया जाता है। इस प्रजनन विधि के दौरान ध्यान रखा जाता है कि इस्तेमाल में आने वाली एक ही नस्ल के दो अलग-अलग पशु जीन की गुणवत्ता स्तर पर सर्वश्रेष्ठ होते है। इन से प्राप्त होने वाली नई नस्लें बहुत ही स्थाई होती है और उसके नई नस्ल के द्वारा हासिल किए गए यह गुण अगली पीढ़ी तक भी पहुंच सकते हैं।

इस विधि को अंतः प्रजनन तकनीक के नाम से भी जाना जाता है।

शरीर की बाहरी दिखावट, आकार तथा रंग रूप में एक समान दिखने वाले दो नर एवं मादा पशुओं की जनन की प्रक्रिया के द्वारा द्वारा वैसे ही दिखने वाली नई नस्ल तैयार की जाती है। इस तकनीक का सर्वश्रेष्ठ फायदा यह होता है कि इसमें अशुद्ध हानिकारक लक्षणों के लिए जिम्मेदार जीन से छुटकारा मिलने के साथ ही शुद्ध और अच्छी गुणवत्ता की जीन का संचय होता है।

हालांकि अंतः प्रजनन तकनीक के जरिए से कुछ नुकसान भी हो सकते है। लगातार अंत: प्रजनन विधि के पश्चात पर्याप्त होने वाली संतति पहले की तुलना में कमजोर होने लगती है और उन दोनों पशुओं की जनन एवं उत्पत्ति क्षमता में भी कमी आने लगती है।

  • बैकयार्ड प्रजनित तकनीक (Backyard Breeding) :

अमेरिका और दूसरे विकसित देशों में इस्तेमाल में आने वाली यह तकनीक मुख्यतः पशुओं से प्राप्त होने वाले उत्पादन पर फोकस करती है और अच्छी सेहत वाली नई नस्ल तैयार करने के लिए एनिमल साइंस का इस्तेमाल किया जाता है।

इस तरह की ब्रीडिंग तकनीक को बिना डॉक्टर की मदद से किया जाता है और केवल मुनाफा कमाने के लिए पशुओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जाता है।

वर्तमान में कुत्ते और दूसरे पालतू जानवरों के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।

  • बाह्य प्रजनन तकनीक :

अलग-अलग नस्ल के दो पशुओं के मध्य प्रजनन की क्रिया को बाह्य प्रजनन तकनीक के द्वारा संपन्न किया जाता है। इस प्रजनन प्रक्रिया के दौरान कुछ विधियों का इस्तेमाल किया जाता है :

    • बाह्यः संकरण विधि :

इस विधि के तहत किसी भी नस्ल की चार से छह पीढ़ी के बाद की नस्ल के मध्य संक्रमण की प्रक्रिया की जाती है।

इस विधि का सबसे ज्यादा फायदा यह होता है कि इसकी मदद से प्रजनन में आने वाले अवसादन को पूरी तरह से दूर किया जा सकता है और अब लगातार प्रजनन के बाद प्राप्त होने वाले संतति भी पहले किके जैसे ही है श्रेष्ठ गुणों के साथ मिल पाती है।

    • शंकर विधि :

दो अलग-अलग नस्लों के मध्य संगम करवाने की प्रक्रिया को संकरण कहते हैं और प्राप्त हुई नई संतति को शंकर संतति कहा जाता है। जैसे बेगूस गाय ब्राह्या मेल और एवरडीन फीमेल से प्राप्त की गई एक संकर नस्ल है।

शंकर विधि के दौरान की अतिविशिष्ट संस्करण प्रक्रिया को भी अपनाया जाता है, जिसमें दो निकटतम प्रजातियों में संकरण की प्रक्रिया करवाई जाती है। हालांकि इस प्रक्रिया से प्राप्त होने वाली नई संतति बांझ होती है, जैसे कि घोड़े और गधे की अतिविशिष्ट संकरण से प्राप्त हुई नई नस्ल खच्चर आगे की पीढ़ी में रेप्रोडूस नहीं कर पाती है।



ये भी पढ़ें: बकरी पालन और नवजात मेमने की देखभाल में रखे यह सावधानियां (goat rearing and newborn lamb care) in Hindi
  • कृत्रिम वीर्य सेचन विधि ( Artificial sperm Implant method ) :

कृत्रिम संसाधनों और वैज्ञानिक उपकरणों की मदद से नर पशु के वीर्य को प्राप्त करने के बाद उसे कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है और जरूरत पड़ने पर इस वीर्य को मादा के शरीर में डाला जाता है।

इस विधि का एक फायदा यह है कि यह बहुत ही सस्ती दर पर उपलब्ध हो जाती है और एक बार वीर्य प्राप्त करके कई मादाओं को गर्भित किया जा सकता है। साथ ही किसी उत्तम नस्ल की प्राप्ति के लिए पशुपालक को हर प्रकार के पशु चिकित्सालय में यह सुविधा आसानी से प्राप्त हो सकती है।



ये भी पढ़ें: केमिस्ट्री करने वाला किसान इंटीग्रेटेड फार्मिंग से खेत में पैदा कर रहा मोती, कमाई में कई गुना वृद्धि!

पशु प्रजनन बढ़ाने के लिए किए जा रहे सरकारी प्रयास और स्कीम :

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड भारत में पशु हिंसा जैसे मुद्दों को लेकर प्रयासरत है और पिछले पांच सालों से इसी बोर्ड की मदद से पशु प्रजनन बढ़ाने के लिए सरकार के द्वारा कुछ नई स्कीम लांच की गई है, जो कि निम्न प्रकार है :
  • राष्ट्रीय गोकुल मिशन :

दिसंबर 2014 में लांच की गई यह राष्ट्रीय गोकुल मिशन स्कीम (Rashtriya Gokul Mission - RGM) बेहतरीन प्रजनन तकनीक की मदद से स्थानीय प्रजातियों की नस्लों के विकास और उनकी संख्या बढ़ाने के लिए किए गए प्रयास का एक उदाहरण है। इस मिशन के तहत भारत के कई पशु चिकित्सकों को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सहयोग से पशु प्रजनन से जुड़ी नई तकनीकों के बारे में भी जानकारियां दी जा रही है। कृषि मंत्रालय के द्वारा 2016 में लांच किया गया यह पोर्टल प्रजनन करवाने की विशेष दक्षता और उच्च गुणवत्ता वाले नर मवेशी रखने वाले किसानों को सामान्य किसान से सीधे संपर्क करवाता है
  • राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock mission) :

2014 में कृषि मंत्रालय के द्वारा शुरू की गई राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम - NLM - National Livestock Mission) स्कीम के तहत पशुधन का पर्यावरण की हानि पहुंचाए बिना सस्टेनेबल विकास (Sustainable development) करने और नई वैज्ञानिक तकनीकों की मदद से प्रजनन की प्रक्रिया को जानवरों के लिए कम नुकसानदेह बनाते हुए गाय और भैंस की संख्या को बढ़ाकर अधिक उत्पादन प्राप्त करना है ।
  • राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम :

 2019 में 605 जिलों में शुरू हुआ यह कार्यक्रम अब तक 1500 से ज्यादा गांवों तक अपनी पहुंच बना चुका है और केवल 2 साल की अवधि में ही लगभग 50 लाख से ज्यादा मादा मवेशियों को उच्च गुणवत्ता वाले नर वीर्य से गर्भित किया जा चुका है। सन 2022 में इस प्रोग्राम के दूसरे फेज की शुरुआत करने की घोषणा भी की जा चुकी है।

पशु प्रजनन से किसान भाइयों को होने वाले फायदे :

पिछले कुछ सालों से पशु विज्ञान में हुए नए अनुसंधान की मदद से पशु प्रजनन में आयी दक्षता किसान भाइयों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है।


ये भी पढ़ें: गो-पालकों के लिए अच्छी खबर, देसी गाय खरीदने पर इस राज्य में मिलेंगे 25000 रुपए
बेहतरीन पशु प्रजनन की प्रक्रिया किसान भाइयों को कम लागत में अधिक उत्पादन देने वाले पशुओं की उपलब्धता करवाने के साथ ही, इस तरह तैयार पशु कई पशुजन्य रोगों (Zoonotic Diseases) के खिलाफ बेहतरीन प्रतिरोधक क्षमता भी दिखा पाते है, जैसे कि हाल ही में केन्या में प्रजनन प्रक्रिया से तैयार की गई 'गाला बकरी', पशुओं में होने वाले खुरपका और मुंहपका रोगों के खिलाफ बेहतरीन प्रतिरोधक क्षमता दिखाती है और बकरी की यह नस्ल इन रोगों से ग्रसित नहीं होती। आशा करते हैं कि पशुपालन में सक्रिय हमारे किसान भाइयों को Merikheti.com की तरफ से पशु प्रजनन से जुड़ी संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी और आने वाले समय में आप भी ऊपर बताई गई जानकारी का सही फायदा उठाकर सरकारी स्कीमों की मदद से एक बेहतरीन नस्ल वाली मवेशी का पालन कर उत्पादन बढ़ाने के साथ ही अधिक मुनाफा भी कमा पाएंगे।
गाय-भैंस की देशी नस्लों का संरक्षण करने वालों को मिलेगा 5 लाख का ईनाम, ऐसे करें आवेदन

गाय-भैंस की देशी नस्लों का संरक्षण करने वालों को मिलेगा 5 लाख का ईनाम, ऐसे करें आवेदन

देशी पशुओं की रखवाली के लिए ५ लाख देगी सरकार

देश भर में देसी गाय-भैंस की लगातार कमी होती जा रही है, इसकी एक बहुत बड़ी वजह देसी गाय-भैसों के कारण लगातार घटता हुआ मुनाफा है। विदेशी नस्लों की गाय-भैंसों की अपेक्षा देसी गाय-भैंसों को पालने में किसानों को उतना फायदा नहीं होता, जितना किसान वास्तव में मुनाफा कमाना चाहते हैं। इसलिए दिन प्रतिदिन देसी गाय-भैंसों को लेकर किसानों की उदासीनता बढ़ती जा रही है। इसका परिणाम यह है कि गाय-भैंसों की कई प्रकार की देसी नस्लें अब विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गईं हैं।

गाय-भैंसों की देसी नस्लों का संरक्षण

इसको देखते हुए सरकार ने कई योजनाएं चलाईं हैं, ताकि गाय-भैंसों की देसी नस्लों का संरक्षण किया जा सके। इसी उद्देश्य के साथ आगे बढ़ते हुए केंद्र सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के
पशुपालन और डेयरी विभाग (Department of Animal Husbandry and Dairying) ने गोपाल रत्न पुरस्कार (National Gopal Ratna Award-2022) देना प्रारम्भ किया है, राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना (Rashtriya Gokul Mission ( RGM)) के तहत, जो हर साल की तरह इस साल भी पशुपालकों को दिया जाएगा। सरकार यह पुरस्कार पशुपालन में गाय भैंसों को संरक्षण देने के साथ ही दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी के लिए दिया जाता है। इस योजना का मकसद स्वदेशी दुधारू गाय-भैसों में कृतिम गर्भाधान करके दुग्ध उत्पादन को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाना है। किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार यह योजना लेकर आई है। 2022 के दौरान पशुपालन और डेयरी में राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार के निर्धारण के लिए दिशानिर्देश के लिए, यहां क्लिक करें। राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना का एक अन्य उद्देश्य कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों को 100 प्रतिशत आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस या एआई (AI - Artifical Intelligence) कवरेज लेने के लिए प्रेरित करना है। इसके साथ ही सरकार इस योजना के माध्यम से सहकारी और दुग्ध उत्पादक कंपनियों को विकसित करने पर जोर दे रही है। साथ ही सरकार चाहती है कि दुग्ध उत्पादक कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बनी रहे, ताकि उत्पादन के साथ दुग्ध क्वालटी को ज्यादा से ज्यादा ऊपर ले जाया जा सके।


ये भी पढ़ें: पशु प्रजनन की आधुनिक तकनीक
(Modern Animal Breeding Technology in Hindi)
राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पशुपालक 30 सितंबर तक ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। विजेताओं को 26 नवंबर 2022 को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (NMD - National Milk Day) के अवसर पर केंद्र सरकार पुरस्कृत करेगी। राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत गोपाल रत्न पुरस्कार के तहत तीन पुरस्कार दिए जाएंगे। इसमें प्रथम पुरस्कार के अंतर्गत 5 लाख रूपये, द्वितीय पुरस्कार के अंतर्गत 3 लाख रूपये और तीसरे पुरस्कार के लिए 2 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। चूंकि अंतिम तारीख नजदीक ही है, इसलिए राजस्थान के पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया ने अपने राज्य के किसानों को जल्द से जल्द इस स्कीम के अंतर्गत आवेदन करने के लिए कहा है। पशुपालन, मत्स्य और डेयरी मंत्रालय ने पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ रहे दुग्ध उत्पादन को लेकर प्रसन्नता जाहिर की है। इसलिए मंत्रालय अब हर साल पशुपालकों के लिए गोपाल रत्न पुरस्कार प्रदान करेगा।

कौन लोग हैं इस पुरस्कार के लिए पात्र ?

इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए सिर्फ ऐसे पशुपालक ही पात्र हैं, जो गाय की प्रमाणित स्वदेशी 50 नस्लों अथवा भैंस की 17 देसी प्रमाणित नस्लों में से किसी एक का पालन करते हों। इसके साथ ही ऐसे तकनीशियन, जो पशुधन विकास बोर्ड, दुग्ध फेडरेशन, गैर सरकारी संगठन में काम करते हो तथा ऐसा कोई भी कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन जिसने इसके लिए 90 दिनों का प्रशिक्षण प्राप्त किया हो, ऐसे सभी लोग इस पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए आवेदन के पात्र हैं।


ये भी पढ़ें: गो-पालकों के लिए अच्छी खबर, देसी गाय खरीदने पर इस राज्य में मिलेंगे 25000 रुपए
इनके अलावा ग्राम स्तर की ऐसी सहकारी समिति जो दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में सहकारी कंपनी अधिनियम के तहत स्थापित हुई हो, ऐसा दुग्ध उत्पादक यूनियन जो प्रतिदिन 100 लीटर दूध का उत्पादन करता है, साथ ही उसके साथ कम से कम 50 किसान जुड़े हैं और एमपीसी या एफपीओ भी इस पुरस्कार के लिए आवेदन के पात्र होंगे।

कैसे कर सकते हैं आवेदन ?

इच्छुक किसान, कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन और सहकारी व दुग्ध उत्पादक कम्पनियां 30 सितंबर के पहले तक गोपाल रत्न पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए भारत सरकार की ऑफिसियल वेबसाइट https://awards.gov.in में जाकर ऑनलाइन माध्यम से अपना आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते वक़्त किसान आधार कार्ड, बैंक खाता, फोटो, मोबाइल नंबर, पशु की जानकारी वाले कागजात ज़रूर साथ रखें। आवेदन करते वक़्त इनकी जरुरत पड़ सकती है।
एक फरवरी  2024 को पेश किया जायेगा बजट किसानों को मिल सकती है , बड़ी खुशखबरी

एक फरवरी 2024 को पेश किया जायेगा बजट किसानों को मिल सकती है , बड़ी खुशखबरी

संसद में 1 फरवरी  2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अंतरिम  बजट पेश किया जायेगा , माना जा रहा है किसानों को इस बजट से बड़ी सौगात मिल सकती है। इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव की वजह से पूर्ण बजट नयी सरकार के गठन के बाद पेश किया जायेगा। इससे पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में अंतरिम बजट 2019 में पेश किया गया था। तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के  स्वास्थ्य खराब होने पर उनका अतिरिक्त कामकाज संभाले हुए पियूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था ,साथ ही 2019 के बजट में संसद द्वारा कई बड़े ऐलान भी किये गए। 

पीएम किसान योजना की बढ़ सकती है राशि 

पीएम किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा 2019 के अंतरिम बजट में की गयी थी। इस योजना के अंदर 2 हेक्टेयर तक भूमि वाले किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रुपए की राशि  तीन किस्तों में प्रदान की जाएगी। इस योजना में 12 करोड़ से ज्यादा छोटे और सीमान्त किसानों को सम्मिलित किया गया था। फरवरी  2024 में पेश होने वाले बजट में इस राशि को 9000 प्रति वर्ष कर दिया जायेगा। आने वाले बजट में यह उम्मीद जताई जा रही है , पी एम किसान सम्मान निधि की किस्ते बढ़ाई जा सकती है , जो किसानों के लिए किसी बड़ी खुशबरी से कम नहीं है। 

ये भी पढ़ें: PM किसान योजना की किस्त पाने के लिए ज़रूरी हैं ये दस्तावेज अपलोड करना

इसी के चलते सरकार द्वारा महिला सम्मान निधि की राशि भी दुगुनी हो सकती है। साथ ही महिलाओं को लोन भी अन्य की तुलना में 1% की कम दर से प्रदान किया जायेगा। बताया जा रहा है कि महिला किसान की सम्मान निधि की राशि बढ़कर 12000 की जा सकती है। साथ ही महिलाओं किसानों को लोन प्रदान करने के लिए सरकार क्रेडिट कार्ड की भी सुविधाएं प्रदान करा सकती है। 

किसानों के लिए हेल्थ और लाइफ इंस्युरेन्स की भी कर सकते है घोषणा 

लोकसभा चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार ने किसानों के लिए बनाई गयी किसान सम्मान निधि योजना में 50 फीसदी राशि बढ़ाने के लिए तो कहा है ,साथ ही संसद में पेश होने वाले बजट में किसानों के लिए स्वास्थ्य और लाइफ इंस्युरेन्स की भी घोषणा की जा सकती है। 

स्टीडफास्ट न्यूट्रिशन के संस्थापक अमन पूरी ने कहा भारत केवल जीडीपी का 21 स्वास्थ्य देखवाल के लिए उपयोग करता है, जो की विश्व औसत 6% से काफी कम है। हाल ही में बहुत सी नए बीमारियों की खोज की गयी है , जो बहुत ही घातक साबित हुई है , जिनके लिए धन की भी आवश्यकता है। 

ये भी पढ़ें: आ गया पीएम किसान की 14वीं किस्त पर बड़ा अपडेट, इस महीने आएंगे अकाउंट में पैसे

इन बीमारियों को रोकने के लिए नए ढाँचे की आवश्यकता है। ऐसे में सरकार को स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च बढ़ाने की आवश्यकता है।

10 लाख से ज्यादा वेतन वाले कर्मचारियों को मिलेगी छूट 

एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में बताया जा रहा है , जिन कर्मचारियों की आय 10 लाख से ऊपर है उन्हें कर भुगतान में राहत मिल सकती है। साथ ही इससे बहुत से बिज़नेस और स्टार्टअप को भी कर भुगतान पर  छूट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इनकम टैक्स के मामले में सरकार बड़ी खुशबरी प्रदान कर सकती है। फिलहाल चर्चा में यही है कि 10 लाख से अधिक आय वाले कर्मचारियों को टैक्स भुगतान में राहत मिल सकती है। 

कृषि  क्षेत्र के लिए सरकार कर सकती है ये फैसला 

गुरुवार को पेश किये जाने वाले बजट से लोगो को बहुत उम्मीद है। कृषि सेक्टर के लोगो को इस बजट से बहुत सी आशाएँ है। उनका मानना है 20 लाख रुपए के कृषि लोन से , उच्च लक्ष्य प्राप्त करने पर जोर दिया जाना चाहिए । इसमें किसानों को नयी मशीनरी और प्रौधोगिकी को अपनाकर उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जाए। उत्पादन बढ़ेगा तो किसान का तो विकास होगा ही साथ ही अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।